Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana: केंद्र सरकार भारत के किसान भाइयों के लिए आए दिन योजनाएं निकलती रहती है, आज हम ऐसे ही एक योजना के बारे में आपको बताएंगे जो किसान के लिए फायदेमंद है।
जैसा कि आपको पता है भारत एक कृषि प्रधान देश है और कृषि आय वृद्धि और किसी कल्याण को लेकर सरकार काफी कुछ कर रही है इन दिनों, आज हम जिस योजना के बारे में आपको बताने जा रहे हैं उसका नाम प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना है जो सीधे तौर पर किसानों को ध्यान में रखकर बनाया गया है, तो आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।
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Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana

आपको बता दें केंद्र सरकार ने साल 2016 के 13 जनवरी को फसल बीमा योजना की शुरुआत की है। किसानों की हित के लिए यह योजना शुरू की गई थी, इस योजना से किसान प्राकृतिक आपदा के वजह से होने वाली नुकसान का भरपाई कर पाएंगे। इस योजना के तहत किसानों को न्यूनतम राशि देना होता है।
इस योजना के तहत प्रीमियम की राशि है बिल्कुल कम, इस योजना का लाभ उठाने वाले किसानों को खरीफ की फसल के लिए 2%, रबी की फसलों के लिए 1.5% तथा वाणिज्यिक और बागवानी फसलों के लिए 5% प्रीमियम देना होता है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें इस योजना का लाभ भारत के किसी भी हिस्से में रहने वाले किसान उठा सकते हैं। इस योजना में भाग लेने के लिए आपको ऑनलाइन या फिर ऑफलाइन आवेदन करना होता है। अगर आप ऑनलाइन अप्लाई करना चाहते हैं तो आप भारत सरकार की आधिकारिक वेबसाइट Click here पर जाकर भी कर सकते हैं।
गतिविधि का कैलेंडर
Activity | Kharif | Rabi |
---|---|---|
Loaning period (loan sanctioned) for Loanee farmers covered on Compulsory basis. | April to July | October to December |
Cut-off date for receipt of Proposals of farmers (loanee & non-loanee). | 31 July | 31st December |
Cut-off date for receipt of yield data | Within a month from final harvest | Within a month from final harvest |
इस योजना के तहत कैसे मिलता है लाभ
- खेती के 10 दिन के अंदर किसान को PMFBY का एप्लीकेशन भरना होगा
- इसमें बीमा की रकम का लाभ तभी मिल पाएगा जब आप की फसल प्राकृतिक आपदा के कारण खराब हो गए हो।
- प्राकृतिक आपदा या फिर कीटो से हुए नुकसान की भरपाई होती है।
- खड़ी फसलों को स्थानीय आपदा, ओलावृष्टि, भूस्खलन, बादल फटने या फिर बिजली से हुए नुकसान की भरपाई होती है।
- बीमा कंपनी किसानों की फसलों का प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकसान का आकलन कर कर ही भरपाई करेगी।
- इस योजना का लाभ मौसमी स्थितियों के कारण फसल की बुवाई ना कर पाने पर भी मिलेगा।
Rate of Premium to be paid by the farmer to Insurance Company
Type of Crop | Kharif | Rabi |
---|---|---|
Food grains including Cereals, Pulses and Oilseeds | 2% | 1.5 % |
Annual Horticulture and Commercial Crops | 5% |
Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana में कैसे तय होती है प्रीमियम की राशि
मिली जानकारी के मुताबिक इस योजना के प्रीमियम की रकम जिले और राज्यों के हिसाब से अलग-अलग होती है। इस बीमा योजना की प्रीमियम को तय करने के लिए कमेटी बिटाई जाती है जिसका हिस्सा कृषि अधिकारी, मौसम विभाग, जिला अधिकारी के प्रतिनिधि और बीमा कंपनियों के अधिकारी भी होते हैं। बीमा योजना में प्रीमियम की रकम जिला तकनीकी की रिपोर्ट के आधार पर तय होती है।
घर बैठे कैसे जाने प्रीमियम की रकम
प्रीमियम की रकम जानने के लिए आपको सबसे पहले कृषि विभाग के आधिकारिक वेबसाइट Click here पर जाना होगा। वेबसाइट में जाने के बाद आपको एक विकल्प दिखेगा जहां लिखा होगा इंश्योरेंस कैलकुलेटर, इसमें क्लिक करके आप अपनी डिटेल्स भरेंगे जैसे कि सीजन, साल, जिला इन सब की जानकारी भरकर क्लिक करने पर आपको आपके क्लेम में मिलने वाली रकम का पता चल जाएगा।
Coverage of Risks and Exclusions under Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana

- बुवाई/रोपण/अंकुरण जोखिम को रोकता है: योजना के तहत कवरेज बुवाई से पहले/रोपण से लेकर कटाई के बाद के चरण तक उपलब्ध है।
- फसल के बाद का नुकसान: भंडारण / परिवहन के स्थानीय जोखिमों के कारण फसल के बाद के नुकसान को योजना के तहत कवर किया जाता है।
- रोकथाम बुवाई जोखिम: पीएमएफबीवाई के तहत इस जोखिम के लिए कवरेज उपलब्ध नहीं है। हालांकि, ऐसे किसान जिन्हें प्रतिकूल मौसम की स्थिति आदि के कारण बुवाई का नुकसान नहीं हुआ है, और वे अपने अधिसूचित क्षेत्र में बुवाई/रोपण नहीं कर सके, सरकार द्वारा समय-समय पर घोषित की गई एकमुश्त छूट के पात्र होंगे।
- सूखा: इस योजना के तहत सूखा जोखिम कवर किया गया है।
- ओलावृष्टि और भूस्खलन: ओलावृष्टि और भूस्खलन के जोखिम इस योजना के तहत कवर किए गए हैं
- फ्रॉस्ट: पीएमएफबीवाई के तहत फ्रॉस्ट जोखिम को कवर नहीं किया जाता है।
- आग और बिजली: इस योजना के तहत आग और बिजली के जोखिम को कवर किया जाता है।
- बाढ़: पीएमएफबीवाई के तहत बाढ़ का जोखिम शामिल नहीं है। हालांकि, जैसा कि समय-समय पर सरकार द्वारा घोषित किया जाता है, बाढ़ के कारण फसल को नुकसान पहुंचाने वाले किसान एकमुश्त छूट के पात्र होंगे।
- कीट और रोग: इस योजना के तहत कीट और रोग के जोखिम को कवर किया गया है।
Claiming the Risk
Risks Covered | Provision of Indemnity/Claim | Intimation of Loss |
---|---|---|
Prevented Sowing/ Planting / Germination Risk | रोपण/अंकुरण (क्षेत्र आधारित) बुवाई से रोका/ | क्षेत्र आधारित दृष्टिकोण पर लागू। व्यक्तिगत किसान को सूचित करने की आवश्यकता नहीं है। प्रॉक्सी संकेतकों आदि के आधार पर राज्य सरकार द्वारा नुकसान का अनुमान लगाया जाना है। |
Mid-Season Adversity | तदर्थ भुगतान के रूप में संभावित दावों का 25%। (क्षेत्र आधारित) | |
Post-Harvest Losses | ओलावृष्टि, चक्रवात, चक्रवाती बारिश और बेमौसम बारिश के विशिष्ट खतरों के खिलाफ कटाई के बाद उन फसलों के लिए कटाई से अधिकतम दो सप्ताह की अवधि तक, जिन्हें कटाई के बाद खेत में कट और स्प्रेड / छोटे बंडल की स्थिति में सुखाया जाना आवश्यक है। | स्थानीय आपदाओं और फसल के बाद के नुकसान के लिए उपज नुकसान का आकलन व्यक्तिगत बीमित खेत स्तर के आधार पर किया जाएगा और इसलिए किसान/नामित एजेंसियों द्वारा नुकसान की जानकारी दर्ज करना आवश्यक है। किसान द्वारा 72 घंटे के भीतर सीधे बीमा कंपनी, संबंधित बैंक, स्थानीय कृषि विभाग सरकार को सूचना दी जा सकती है। /जिला अधिकारी या हमारे टोल फ्री नंबर (1800 200 7710) या राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल पर। एजेंसी/विभाग को संबंधित बीमा कंपनी के साथ पंजीकरण करने के लिए अतिरिक्त 24 घंटे |
Localized Calamities | अधिसूचित क्षेत्र में अलग-अलग खेतों को प्रभावित करने वाले ओलावृष्टि, भूस्खलन, बाढ़, बादल फटने और बिजली के कारण प्राकृतिक आग के पहचाने गए स्थानीय जोखिमों के कारण नुकसान / क्षति |
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